आपराधिक मामलों का सामना कर रहे नेताओं को उम्मीदवार बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो दिशा-निर्देश दिए, वे स्वागतयोग्य तो हैं, लेकिन इसमें संदेह है कि उनसे बात बनेगी और विधान मंडलों में दागी छवि वाले नेताओं के प्रवेश का सिलसिला थमेगा। इसका कारण यह है कि राजनीतिक दल दागी नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने के लिए ऐसे तर्को र्की आड़ ले सकते हैं कि उनके खिलाफ चल रहे मामले राजनीतिक बदले की कार्रवाई का नतीजा हैं। इसके अलावा उनके पास यह सदाबहार आड़ तो है ही कि दोष सिद्ध न होने तक हर किसी को निर्दोष माना जाना चाहिए और वे भी ऐसा ही मानते हैं। राजनीतिक दलों की ओर से यह भी कहा जा सकता है कि वे आपराधिक छवि एवं अतीत वाले व्यक्ति को सुधरने का मौका दे रहे हैं। आखिर यह एक तथ्य है कि एक समय कई दलों ने छंटे हुए बाहुबलियों को यह कहकर चुनाव मैदान में उतारा कि वे उन्हें सही रास्ते पर चलने का मौका दे रहे हैं। यदि नामांकन पत्र में आपराधिक मामलों का विवरण देने से दागी प्रत्याशियों के चनाव लडने और जीतने के सिलसिले में कमी नहीं आई तो फिर यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि ऐसा विवरण मीडिया और सोशल मीडिया में सार्वजनिक करने से आम जनता उन्हें वोट देने से कतराएगी? क्या यह किसी से छिपा है कि तमाम प्रत्याशी जाति, मजहब, क्षेत्र आदि के आधार पर जन-समर्थन हासिल कर लेते हैं? दागी लोगों को संसद और विधानसभाओं से दूर रखने का उचित उपाय तो यही है कि उन्हें चुनाव लड़ने की सुविधा ही न दी जाए। निर्वाचन आयोग एक अरसे से यह कह रहा है कि उन लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जाए, जिनके खिलाफ ऐसे संगीन मामले चल रहे हों, जिनमें पांच साल से अधिक की सजा हो सकती है और जिनमें आरोप पत्र भी दायर हो चुका हो। अच्छा होता कि सुप्रीम कोर्ट इस उपाय को अपने दिशा-निर्देशों का हिस्सा बनाता या फिर चुनाव आयोग को यह अधिकार देता कि वह राजनीतिक दलों की उन कमजोर दलीलों को ठुकरा सकता है,जो वे किसी दागी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने के मामले में दें
उम्मीदवार बनाने के मामले में देंजब राजनीति के अपराधीकरण की समस्या विकराल रूप ले चुकी हो और उसका दुष्प्रभाव बढ़ता चला जा रहा हो, तब कुछ कठोर एवं कारगर उपायों पर अमल समय की मांग है। यह मांग पूरी होनी ही चाहिए। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि दागी जनप्रतिनिधियों की बढ़ती संख्या न्यायपालिका की सुस्ती का भी दुष्परिणाम है। बेहतर होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस सुस्ती को दूर करने के लिए भी सक्रियता दिखाए।